आप अपनी किसी यात्रा के खट्ठे-मीठे अनुभवों को याद करते हुए एक लेख लिखिए।


गर्मियों की छुट्टी में हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने का मौका मिला। हिमाचल में शिमला, मनाली, सोलंगनाला और सोलन की सैर की। दिल्ली से ट्रेन द्वारा कालकाजी तक पहुंचे। इसके बाद कार से सोलन पहुंचे। सोलन में एक रिश्तेदार के घर पहुंचे। उनका घर पहाड़ों के बीच था। वहां जाकर पता चला कि पहाड़ों के बीच कैसे उनका जीवनयापन होता है। शहरों से सामान लाना और फिर पहाड़ों चढ़ाना बेहद कठिन होता है। इसके बावजूद घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी। गर्म पानी से लेकर जरूरत की हार छोटी चीज वहां मौजूद थी।

एक दिन उनके घर पर बिताने के मैं अपने मम्मी पापा और भाई के साथ शिमला के लिए निकले। कार में पहाड़ों का सफर आसान नहीं होता। लगातार कार घूमने की वजह से पापा की तबीयत खराब हो गई। इसकी वजह से दो दिन तक हमें शिमला में ही बिताने पड़े। शिमला में मालरोड के अलावा कई मंदिरों के दर्शन किए। इस खूबसूरत और छोटे शहर की शुद्ध हवा में मन प्रसन्न हो गया।


इसके बाद हम मनाली गए। वहां पहुंचने तक पापा की तबीयत ठीक हो चुकी थी। हमने वहां झरने देखे। बर्फ के पहाड़ और हडिंबा मंदिर देखा। मनाली एक छोटा और वादियों से भरा शहर है। कहीं घूमने का मन ना भी हो तो सिर्फ नदी, पहाड़ और झरनों को देखकर भी दिल को सुकून पहुंचाया जा सकता है। इसके बाद हम सोलंगनाला के लिए निकले।


वहां चारों ओर बर्फ ही बर्फ थी। साथ ही वहां कुछ हैरतअंगेज करतब भी करने का मौका मिला। वहां पर पैर बिल्कुल जम गए थे। पता नहीं चल रहा था कि हाथ पैर हैं भी या नहीं। ठंड की वजह से बोलना भी मुश्किल हो रहा था। जैसे तैसे वहां से निकले और लंबा सफर तय करने के बाद होटल पहुंचे। यात्रा सुखदायी और मजेदार थी।


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